अभिनेता सनी देओल फ़िल्म ब्लैंक में एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड के अफसर बने हैं जिन्हें एक टेररिस्ट ग्रुप को पकड़ना है जिसने करण कापडिया के किरदार पर लाइव्ह बम लगा दिया है।
देशभक्ति को किसी बिकाऊ वस्तु की तरह नहीं देखना चाहिए – सनी देओल
मुम्बई - 05 Apr 2019 19:11 IST


Keyur Seta
एक्शन फ़िल्मों का ज़िक्र हो तो लाज़मी है के अभिनेता सनी देओल का नाम उभरकर आएगा। इससे पूर्व कई बार हम उन्हें देशभक्ति से भरपूर एक्शन फ़िल्मों में देख चुके हैं। ग़दर – एक प्रेम कथा (२००१), इंडियन (२००१), माँ तुझे सलाम (२००२), हीरो – लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाय (२००३) और जाल – द ट्रैप (२००३) ये उनकी कुछ फ़िल्में हैं जिनसे ये बात स्पष्ट हो जाती है।
ब्लैंक फ़िल्म के ट्रेलर लॉंच के दौरान जब सनी देओल को आज के समय में राष्ट्रिय मुद्दों पर बन रही फ़िल्मों के बारे में पुछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, "सबसे अहम मुद्दा ये है के हम सब देशभक्त हैं या नहीं? क्या आप अपनी माँ, देश से प्यार करते हैं? हमें इसे किसी बेचनेवाली चीज़ की तरह नहीं देखना चाहिए। मैंने वही किया है। जब भी मैंने ऐसी फ़िल्में की हैं, मैंने उस किरदार में विश्वास किया है।"
अभिनेता सनी देओल फ़िल्म ब्लैंक में एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड के अफसर बने हैं जिन्हें एक टेररिस्ट ग्रुप को पकड़ना है जिसने करण कापडिया के किरदार पर लाइव्ह बम लगा दिया है।
६२ वर्षीय सनी कहते हैं के उन्होंने जो किरदार निभाया है वो उनके व्यक्तित्व के साथ मेल खाता है। "मैंने ज़्यादातर ऐसी फ़िल्में की हैं जहाँ मेरा किरदार प्रभावी है और वो कुछ करने का प्रयास कर रहा है। मेरा स्वभाव भी ऐसा ही है। मैं भी मुद्दे के जड़ तक जाता हूँ। मैं ऐसा इंसान नहीं हूँ जो हार मान ले। इसी लिए शायद मेरे किरदार में भी वही बात झलकती है," उन्होंने कहा।
सनी देओल ने यह भी बताया के उनके अनुसार बदलते समय के साथ देशभक्ति के मायने भी बदल गए हैं। "हमने उसे बेचनेवाली चीज़ की तरह इस्तेमाल नहीं किया। पर अब पूरी दुनिया ही बदल गई है। हर जगह मार्केटिंग पहुँच चुकी है। इसी लिए हर चीज़ की एक कीमत बन गई है। आजकल वही हो रहा है। हर कोई सीज़न के अनुसार चीज़ें बना रहा है," उन्होंने कहा।